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भारत के 10 लुप्तप्राय जानवरों की जानकारी। 10 Most Endangered animals in India

 भारत के १० लुप्तप्राय जानवर जो है विलुप्त होने की कगार पर।  10 Endangered Animal species in India in Hindi 

Endangered Animals in India

दुनिया में कई प्रकार के जानवर और उनकी प्रजातियां पाई जाती है। उसी तरह से भारत भी विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का घर है। भारत में भी ऐसी कई सारी लुप्तप्राय जानवरों की प्रजातियां (Endangered Species animals in India) है जिनकी आबादी खतरे में है। 

पिछले कुछ वर्षो से विश्व में इंसानी आबादी की वृद्धि, विकास और शहरीकरण बहोत तेज़ी से हो रहा है। साथ ही बड़े पैमाने पर जंगलो की कटाई हो रही है। जिस वजह से ये खूबसूरत जानवर (Endangered Indian Animals) कई खतरों का सामना कर रहे है, जिनमे निवास स्थान का नुकसान, अवैध शिकार और जलवायु परिवर्तन शामिल है। यदि हम उनकी सुरक्षा के लिए जरुरी कदम नहीं उठाते है, तो वे हमेशा के लिए विलुप्त (Extinct Animal in India) हो सकते है। 

इस आर्टिकल में भारत में १० लुप्तप्राय जानवरों की सूची और जानकारी (Top 10 Endangered animals in India) दी गई है। 


List of 10 Endangered Animals in India in Hindi:

भारत के १० लुप्तप्राय जानवरों की सूची 

  1. बंगाल टाइगर (Bengal Tiger)
  2. एशियाई शेर (Asiatic Lion)
  3. एक सींग वाला गैंडा (One-Horned Rhinoceros)
  4. नीलगिरि तहर (Nilgiri Tahr)
  5. शेर जैसी पूँछ वाला मकाक (Lion-Tailed Macaque)
  6. कश्मीरी लाल हिरण (Kashmiri Red Stag)
  7. काला हिरण (Black Buck)
  8. हिम तेंदुआ (Snow Leopard)
  9. भारतीय बाइसन(गौर) (Indian Bison)  
  10. वृक्ष मेंढक (Resplendent Tree Frog)

1. बंगाल टाइगर (Bengal Tiger)

Bengal tiger

बंगाल टाइगर सबसे लुप्तप्राय बाघ की प्रजातियों में से एक है। जिसमे से केवल लगभग 2500 ही बाघ अब जंगल में बचे हुए है। यह बाघ की प्रजाति भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में पायी जाती है। 

बंगाल टाइगर के लिए मुख्य खतरे अवैध शिकार, उनके निवास स्थान की हानि और मनुष्य-बाघ के बीच संघर्ष है। शिकारी बाघों को उनके फर, हड्डियों और शरीर के अन्य हिस्सों के लिए मार देते है, जिसका इस्तेमाल पारम्परिक चीनी दवाइयों में किया जाता है। 

पर्यावास की हानि एक बड़ी समस्या है जिसकी वजह बाघों के लिए रहने और शिकार करने की जगह कम हो जाती है। इस कारण अक्सर ये इंसानी बस्ती में आ जाते है और मानव और बाघ के बीच का संघर्ष बढ़ जाता है।

बंगाल टाइगर की सुरक्षा के लिए कई संरक्षण प्रयास चल रहे हैं। इनमें अवैध शिकार विरोधी गश्त, आवास बहाली और संघर्ष शमन (Conflict Mitigation) कार्यक्रम शामिल हैं। निरंतर संरक्षण प्रयासों से, उम्मीद है कि बंगाल टाइगर को विलुप्त होने से बचाया जा सकता है। 


2. एशियाई शेर (Asiatic Lion)

Asiatic Lion

एशियाई शेर मूल रूप से भारत में पाए जाते है। भारत में गुजरात के गीर नेशनल पार्क में इनका निवास है। यह एशिया में शेरों की एकमात्र जीवित आबादी है। उनकी छोटी आबादी के कारण इन्हे लुप्तप्राय जानवरों की लिस्ट में सूचीबद्ध किया गया है। 

एशियाई शेर अफ्रीकन शेरों से छोटे होते है और इनका वजन लगभग 220 किलोग्राम होता है। अभी भारत में सिर्फ 650 के करीब एशियाई शेर है जिसमे ज़्यदातर गुजरात के गिर नेशनल पार्क में पाए जाते है। 

निवास स्थान की हानि, अवैध शिकार और मनुष्यों के साथ संघर्ष इन एशियाई शेरों के लिए मुख्य खतरा है। एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए कई प्रयास चल रहे है, जिसमे गिर राष्ट्रिय उद्यान का दायरा बढ़ाना, मानव-शेर संघर्ष कम करना, प्रजातियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को शेरों के महत्त्व के बारे में शिक्षित करना शामिल है। 


3. एक सींग वाला गैंडा (One-horned Rhinoceros)

one horned rhinoceros

एक सींग वाले गैंडे को भारतीय गैंडे के नाम से भी जाना जाता है। वे सफ़ेद गैंडे के बाद दूसरी सबसे बड़ी गैंडे की प्रजाति हैं। वे भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं।  एक सींग वाले गैंडे बड़े, भारी जानवर होते हैं जिनकी त्वचा मोटी होती है। 

एक सींग वाले गैंडे की सबसे बड़ी आबादी भारत के आसाम में काज़ीरंगा नेशनल पार्क में पायी जाती है। इन्हे भारत के लुप्तप्राय जानवरों की लिस्ट में सूचीबद्ध किया है, जिसमे लगभग 4000 ही जंगल में बचे है। 

20 वीं सदी की शुरुआत इनकी बड़े पैमाने पर शिकार होती थी, शिकारी इनके सींग चीनी दवाइयों में उपयोग के लिए बड़ी कीमत पर बेच देते है। जिस वजह से इनकी संख्या सिर्फ 200 ही रह गयी थी। लेकिन सख्त और लक्षित संरक्षण उपायों के कारण भारत में वर्तमान समय में इनकी संख्या लगभग 3700 तक बढ़ गयी है। 


4. नीलगिरि तहर (Nilgiri Tahr)

nilgiri tahr

नीलगिरि तहर एक जंगली पहाड़ी बकरी जैसा दिखनेवाला स्तनपायी प्राणी है। नीलगिरि तहर भारत के तमिलनाडु और केरल के नीलगिरि पहाड़ियों और पश्चिमी घाटों में पाया जाता है। नीलगिरि तहर तमिलनाडु का राष्ट्रिय पशु है और यह प्रजाति भारत के लुप्तप्राय जानवरों की लिस्ट में सूचीबद्ध है। 

नीलगिरि तहर एक सामाजिक प्राणी है जो झुण्ड में रहते है, ये ज्यादातर पहाड़ो की ऊँची चोटियों पर और घने जंगलो में रहना पसंद करते है। अवैध शिकार और आवास का विनाश इनकी संख्या में आयी गिरावट मुख्य कारण है। तमिलनाडु सरकार इनके संरक्षण और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। अभी अनुमानित 3122 नीलगिरि तहर जंगल में बचे हुए है। यह 20 वी सदी के अंत में जंगल में छोड़ी गई सिर्फ 100 तहर से हुई जबरदस्त वृद्धि है। 


5. शेर जैसी पूंछ वाला मकाक (Lion-tailed Macaque)

Lion-tailed Macaque

शेर जैसी पूंछ वाला मकाक एक बंदर की विलुप्त प्रजाति है। यह भारत के तमिलनाडु, कर्णाटक और केरला के पश्चिमी घाट के वर्षावनों में पाए जाते है। इन मकाक की संख्या कम होने के कारण इसे भारत के संकटग्रस्त जानवरों की सूची में 'लुप्तप्राय' श्रेणी में रखा गया है। 

इस शेर पूंछ वाले मकाक की कुल आबादी अब सिर्फ सिमट कर लगभग ३५०० ही बची है। पुरे दक्षिण भारत में केरल के साइलेंट वैली नेशनल पार्क में इनकी सबसे बड़ी आबादी पायी जाती है। 

इस खूबसूरत जानवर के लुप्त होने का मुख्य कारण वर्षावन आवास का विनाश है। साथ ही ये एक दूसरे से बेहद अलग जगह पर रहते है, जिस कारण ये आपस में प्रजनन करने में असमर्थ है। इसलिए इनकी आबादी में वर्तमान में तीव्र गिरावट आई है।


6. कश्मीरी लाल हिरण (Kashmiri Red Stag) 

kashmiri red stag

कश्मीरी लाल हिरण को जिसे हंगुल भी कहा जाता है। यह एक प्रकार के लाल हिरण की लुप्तप्राय प्रजाति है जो भारत के कश्मीर और आस पास के क्षेत्रो में पाई जाती है। 

20 वीं सदी के शुरुआत में कश्मीरी लाल हिरण अनुमानित आबादी 5000 के करीब थी। लेकिन इनके निवास स्थान के विनाश और अवैध शिकार के कारण इनकी आबादी में भरी गिरावट दर्ज हुई है। 

कश्मीरी लाल हिरण के संरक्षण के लिए कई सारे प्रयास किये जा रहे है। अभी वर्तमान समय में अनुमानित 263 ही कश्मीरी लाल हिरण बचे है


7. काला हिरण (Black Buck)

black buck

काला हिरण पतला शरीर और काले लंबे सींगो वाला एक हिरण या मृग (Antelope) है। यह काला हिरण भारत में और नेपाल के कुछ हिस्सों में खुले घास के मैदानों में और जंगली इलाकों में पाया जाता है। 

काला हिरण की कुल आबादी भारत में 1947 तक अनुमानित ८०,000 थी जो 1964 में सिमट कर सिर्फ ८,000 ही रह गयी थी। जिसके बाद इसके संवर्धन के लिए कई उपाय किये गए जिसके परिणाम स्वरुप अब इनकी कुल आबादी भारत के संरक्षित क्षेत्रों में 25,000 तक है। 

आवास का नुक्सान और अवैध शिकार के कारण इसे भारत में लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।   


8. हिम तेंदुआ (Snow Leopard)

snow leopard

हिम तेंदुआ भारत के हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे ठंडे, शुष्क और उबड़-खाबड़ इलाकों में पाया जाता है। 

 हिम तेंदुआ की फर, शरीर के अन्य हिस्से और मांस के लिए अवैध शिकार की जाती है। बड़े पैमाने पर की जानेवाली अवैध शिकार के कारण इस खूबसूरत जानवर को लुप्तप्राय जानवरों की प्रजाति के लिस्ट में सूचीबद्ध किया गया है। 

दुनियाभर में लगभग 4000 हिम तेंदुए पाए जाते है जिसमें से कुल 400 से 700 हिम तेंदुआ आबादी भारत में है।भारत सरकार इनकी प्रजाति के संरक्षण के लिए कई सारे उपाय योजना कर रही है , जिसमे 'प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड' नामक जैसे कार्यक्रम शामिल है।  


9. भारतीय बायसन 'गौर' (Indian Bison)

indian Bison

भारतीय बायसन या 'गौर' भारत में पाए जानेवाले जंगली मवेशियों की सबसे बड़ी प्रजाति है। दुनिया में गौर पुरे दक्षिण पूर्व एशिया में पायी जाती है जिनमें इनकी 85% से भी ज्यादा आबादी भारत में मौजूद है।

गौर एक सामाजिक प्राणी है और 50 मवेशियों के झुण्ड में रहते है। अवैध शिकार और निवास स्थान की हानि के कारण इन्हें असुरक्षित लुप्तप्राय जानवरों की श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है। 


10. वृक्ष मेंढक (Resplendent Tree Frog)

resplendent tree frog

वृक्ष मेंढक भारत के पश्चिमी घाट में पाए जानेवाले मेंढक की गंभीर रूप से संकटग्रस्त लुप्तप्राय प्रजाति है। यह एक छोटा मेंढक है जो चमकीले नारंगी रंग का होता है। यह भारत के केरल में अनाईमुडी चोटी के आसपास ऊंचाई वाले क्षेत्र में पाया जाता है। यह ज़मीन पर रहने वाली प्रजाति है, और आम तौर पर बांस की झाड़ियों और घास के मैदानों में पाई जाती है।  

ऐसा अनुमान है की यह मेंढक लगभग 300 ही बचे है। इसलिए इसे भी भारत के लुप्तप्राय जानवरों की श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है। 



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नोट- इस आर्टिकल में दी गयी पूरी जानकारी विभिन्न स्त्रोत से ली गयी है जो केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है इसलिए livingfactshindi.com इस जानकारी के लिए किसी भी जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।      

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