SEARCH THIS BLOG:

Penguin: जानिए पेंगुइन से जुड़े 30 दिलचस्प तथ्य। 30 Amazing Facts about Penguin in Hindi

जानिए पेंगुइन से जुड़े 30 दिलचस्प तथ्य। 30 Amazing Facts about Penguin in Hindi
Penguins Facts in Hindi

पेंगुइन दक्षिण गोलार्ध में सबसे ज्यादा अंटार्कटिका महाद्वीप में पाए जाते है। पेंगुइन ऐसे पक्षी है जो उड़ नहीं सकते है और इनके पंखों के बजाय फ़्लिपर्स होते है। 

पेंगुइन अपने असाधारण जैकेट और जमीन पर अपने चलने के अनोखे ढंग के कारण थोड़ा हटकर लगते है। लेकिन जब एक बार ये समुद्री पानी में तैरते है तो ऐसे लगता है की इन्होने समुद्री जीवन को अच्छी तरह से अपना लिया है। 

इस आर्टिकल में आपको पेंगुइन के बारे में रोचक जानकारी और महत्वपूर्ण तथ्य (Penguin Facts) के बारे में जानने को मिलेगा, इसलिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।  


पेंगुइन के बारे में ३० रोचक तथ्य। 30 Facts about Penguin in Hindi

1. पक्षियों की 40 प्रजातियां ऐसी है जो उड़ने में असमर्थ है, जिसमें पेंगुइन भी एक है। दूसरे उड़ानहीन पक्षियों में कीवी, शुतुरमुर्ग और एमु जैसे पक्षी शामिल है। अधिकांश उड़ानहीन पक्षी दक्षिणी गोलार्ध (Southern Pole) पर रहते हैं। 

2. पेंगुइन की 17 से 20 प्रजातियां है जिनमें से 13 प्रजातियां या तो खतरे में है या विलुप्त होने की कगार पर है।

3. इस दुनिया में पेंगुइन की आबादी लगभग 30 मिलियन के करीब है और मैकरोनी पेंगुइन नामक प्रजाति की आबादी इनमे सबसे अधिक है जिसकी जनसँख्या लगभग 18 मिलियन है। 

Macaroni Penguin
Macaroni Penguin

4. पेंगुइन समुद्र का खारा पानी पी सकते है, लेकिन अगर ताज़ा पानी उपलब्ध हो तो इसे पिने में उन्हें कोई भी परेशानी नहीं होती। अक्सर पेंगुइन पानी के स्त्रोत के रूप में बर्फ भी खाते है। 

5. पेंगुइन के पास ठण्ड से बचने के लिए शरीर पर एक मोटी परत होती है, जिसे ब्लबर कहा जाता है। जिस कारण वे अपने आप को गर्म रख पाते है। 

6. पेंगुइन औसतन 3 फ़ीट 5 इंच ऊंचाई तक बढ़ सकते हैं और इनका वजन लगभग 35 से 40 किलो तक हो सकता है। 

7. लिटिल ब्लू पेंगुइन दुनिया के सबसे छोटे पेंगुइन है, यह सिर्फ 25 से 35 सेंटीमीटर ऊंचे होते हैं और इनका वजन लगभग 1 किलो के आसपास ही रहता है। 

Little Blue Penguin
Little Blue Penguin

8. एंपरर पेंगुइन को पेंगुइन की सबसे बड़ी प्रजाति माना जाता है। क्योंकि इनकी लंबाई लगभग 120 सेंटीमीटर होती है और इनका वजन औसतन 40 किलो के आसपास होता है। 

Emperor Penguin
Emperor Penguin

9. ऐसा माना जाता है कि पेंगुइन शब्द की उत्पत्ति वेल्श में से 'Pen Gwyn' से हुई है, जिसका अर्थ होता है वाइट हेड या फिर सफेद सर। 

10. पेंगुइन उड़ नहीं सकने वाले पक्षी है जो अंडे देते हैं और यह अंडे ठंडे स्थान में अपने पैर और पेट से ढक कर गर्म कर रखते हैं। 

11. पेंगुइन अंडे देने के लिए अपना घोंसला जमीन पर बनाते है, लेकिन इनमें से एम्परर पेंगुइन और किंग पेंगुइन नामक प्रजाति अपना घोंसला नहीं बनाते है। 

12. पेंगुइन एक सामाजिक पक्षी है और यह झुंड में रहना पसंद करते हैं। प्रजनन के मौसम या अन्य समय में यह सैकड़ो या हजारों के समूह में एकत्रित रहते हैं। इन बड़े प्रजनन समूह को कॉलोनी या रुकेरी कहा जाता है।

13. पेंगुइन दक्षिणी गोलार्ध में पाए जाते हैं। छोटे नील पेंगुइन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में देखे जा सकते हैं, हालांकि बड़े एंपरर पेंगुइन अंटार्कटिका महाद्वीप में पाए जाते हैं और किंग पेंगुइन कई उप अंटार्कटिक द्वीपों में पाए जा सकते हैं। 

King Penguin
King Penguin

14. पेंगुइन की एक प्रजाति जिसे अफ्रीकन पेंगुइन या केप पेंगुइन भी कहा जाता है। यह प्रजाति केवल अफ्रीका के दक्षिण पश्चिमी तट पर पाई जा सकती है। उनकी ज्यादातर तादाद दक्षिण अफ्रीका के डायर आईलैंड पर देखी जा सकती है। 

African Penguin
African Penguin

15. हम्बोल्ड्ट पेंगुइन नाम की प्रजाति दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर चिली से लेकर पेरू तक पाई जाती है। और इस पेंग्विन का नाम उसे ठंडे पानी की धारा पर रखा गया है जिसमें वह तैरते हैं, इस धारा का नाम हम्बोल्ट स्ट्रीम है। 
Humboldt Penguin
Humboldt Penguin

16. पेंगुइन एक कुशल तैराक होते हैं और वह गहरे पानी में 15 से 25 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकते हैं।

17. पेंगुइन की आँखों में फ्लैट कॉर्निया होते है जीस वजह से वे हवा और पानी में स्पष्ट रूप से देख पाते है। पेंगुइन के पास दूरबीन दृष्टि होती जिस वजह से वे दूर तक देख पाते है।  

18. पेंगुइन लंबे समय तक अपनी सांस गहरे पानी में रोक कर रख सकते हैं और औसतन 6 से 8 मिनट तक अपनी सांसों को रोक सकते हैं। इसमें भी एंपरर पेंगुइन का 22 मिनट तक अपनी सांस पानी में रोक कर रखने का रिकॉर्ड है। 

19. पेंगुइन प्रजाति के हिसाब से जमीन पर से हवा में 9 फीट तक की ऊंचाई तक उछल सकते हैं। 

20. पेंगुइन का प्रजाति के हिसाब से अलग-अलग खाना हो सकता है। लेकिन ज्यादातर पेंगुइन मछली, स्क्वैड्स, क्रिल आदि भोजन खाते हैं और यह पूर्ण रूप से मांसाहारी होते हैं। 

21. पेंगुइन की बड़ी चोंच और जीप तो होती है लेकिन उनके कोई भी दांत नहीं होते हैं। पेंगुइन के पास बड़ी चोंच होती है जिसका नुकीला सिरा होता है, जिससे पेंगुइन को मछली पकड़ने में आसानी होती है। 

22. पेंगुइन बोलकर या अपना शारीरिक व्यवहार करके एक दूसरे के साथ संवाद करते है और पेंगुइन को एक दूसरे के चेहरे और आवाज़ को पहचानने की दुर्लभ क्षमता होती है। 

23. 1959 में 12 देशों द्वारा अंटार्कटिका संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे और 1991 में अंटार्कटिका की रक्षा और इसके जीवित संसाधनों को सुरक्षित करने के लिए फिर से अधिकृत किया गया था। जिस कारण पेंगुइन या उसके अंडों को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाना, या किसी भी तरह से हस्तक्षेप करना अवैध है। 

24. ज्यादातर पेंगुइन मोनोगेमस होते हैं, मोनोगेमस का अर्थ यह है कि एक ही जीवनसाथी के साथ अपना जीवन बिताना। लेकिन यह सब पेंगुइन की प्रजाति पर भी निर्भर करता है। 

25. ऐसा माना जाता है कि पेंगुइन की उत्पत्ति लगभग 60 मिलियन वर्षों पहले ऑस्ट्रेलिया की तटीय इलाके और न्यूजीलैंड के आसपास हुई थी। 

26. हाल ही में वैज्ञानिकों को न्यूजीलैंड में 5 करोड़ साल पुराना पेंग्विन का जीवाश्म मिला है। हैरानी के बात यह है की यह जीवाश्म दुनिया के सबसे बड़े पेंगुइन की प्रजाति से तीन गुना ज्यादा बड़ा है और यह विशालकाय पेंगुइन का वजन ८० किलो रहा होगा ऐसा संशोधन में पता चला है। 

27. पेंगुइन की छोटी प्रजाति 6 वर्ष तक जीवित रह सकती है और बड़ी प्रजातियां 15 से 20 साल तक जीवित रहती है। 

28. हर साल 25 अप्रैल को विश्व पेंगुइन दिवस (World Penguin Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य उड़नहीन पक्षियों के विषय में जागरूकता बढ़ाना साथ ही उनकी प्रजातियों और आवासों का संरक्षण करना है। 

29. पुरे दुनिया भर 20 जनवरी को Penguin Awareness Day के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पेंगुइन के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

30. भारत के मुंबई शहर में वीरमाता जीजाबाई उद्यान (Byculla Mumbai Zoo) में पेंगुइन देखे जा सकते है।   


हमें आशा है की आपको यह लेख पसंद आया होगा, आप अपने विचार और सुझाव कमेंट के रूप में दे सकते है ताकि हम ज्यादा से ज्यादा और अच्छा Living Facts Hindi इस ब्लॉग में आर्टिकल लिख सके और इस ब्लॉग को जारी रख सके। 

नोट- इस आर्टिकल में दी गयी पूरी जानकारी विभिन्न स्त्रोत से ली गयी है जो केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है इसलिए livingfactshindi.com इस जानकारी के लिए किसी भी जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है। 


No comments:

Post a Comment